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अन्नप्राशन / मुंडन संस्कार
अन्नप्राशन / मुंडन संस्कार
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अन्नप्राशन / मुंडन संस्कार — विस्तृत विवरण
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शिशु के 6 महीने पूरे होने पर किया जाने वाला विशेष संस्कार है, जिसमें पहली बार उसे ठोस आहार (अन्न, जैसे खीर, चावल आदि) खिलाया जाता है।
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यह संस्कार शारीरिक विकास, अच्छे स्वास्थ्य और बुद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
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शुभ तिथि व योग्य ब्राह्मण की उपस्थिति में समूचे परिवार के साथ यह उत्सवपूर्ण माहौल में संपन्न किया जाता है।
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बच्चा अच्छे स्वास्थ्य व बल के साथ बड़ा होता है।
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उसके पाचन तंत्र की शुद्धि व स्वास्थ्यवर्धन का संकल्प लिया जाता है।
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परिवार में खुशी व शुभ संदेश फैलता है।
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संस्कार (बाल कटाई) हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में प्रमुख है, जो आमतौर पर शिशु के पहले, तीसरे या सातवें वर्ष में किया जाता है।
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इसका तात्पर्य जीवन में बुरी ताक़तों से रक्षा व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराना है।
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मुंडन पूजा मंदिर, नदी तट या घर पर प्रतिष्ठित ब्राह्मण द्वारा, विधिपूर्वक मंत्रों के साथ संपन्न की जाती है।
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बच्चा बुरी शक्तियों व बुरी नजर से सुरक्षित रहता है।
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सिर के बाल कटने से स्वास्थ्य व मानसिक शक्ति बढ़ती है।
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शरीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास में यह संस्कार सहायक है।
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