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मंगल भात पूजा
मंगल भात पूजा
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उज्जैन में मंगल भात पूजा —
अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष, विवाह, संतान या दांपत्य जीवन की बाधाएं हैं, तो उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में मंगल भात पूजा करवाना सबसे सरल, वैज्ञानिक व धार्मिक उपाय है। यहाँ अनुभवी पंडित पारंपरिक शास्त्रीय पद्धति से जीवन में शुभता, उन्नति और संतुलन हेतु यह पूजा संपन्न करते हैं।मंगल भात पूजा क्या है?
मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में होने वाली मंगल भात पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है जिसे मुख्य रूप से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव निवारण, मांगलिक दोष शांति, और अपने जीवन में सुख-शांति हेतु कराया जाता है। यह पूजा उज्जैन के मंगलनाथ को मंगल ग्रह का जन्म स्थल मानकर की जाती है। विवाह, संतान और पारिवारिक जीवन में शुभता के लिए उज्जैन में मंगल भात पूजा कराना अत्यंत पवित्र एवं फलदायी माना गया है।
मंगलनाथ मंदिर का महत्व
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मंगल ग्रह का अधिष्ठान स्थल: उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर पूरे भारत में मंगल पूजा के लिए सबसे प्रमुख स्थान है।
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विशेष ज्योतिषीय शक्ति: यहां की गई पूजा से कुंडली में मौजूद मांगलिक दोष और मंगल दोष के अशुभ प्रभाव शीघ्र शांत होते हैं।
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पाक्षिक और वार्षिक विशेष अवसर: सप्ताह में हर मंगलवार, एवं शुभ अवसरों जैसे विवाह अथवा नवग्रह शांति के दिन यहां पूजा विशेष रूप से कराई जाती है।
मंगल भात पूजा की विधि
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शुभ मुहूर्त एवं स्नान: श्रद्धालु क्षिप्रा नदी में स्नान कर पवित्रता प्राप्त करते हैं।
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गणेश पूजन: हर शुभ कार्य की तरह गणेश भगवान का पूजन किया जाता है।
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मंगल गाथा, मंगल यंत्र स्थापना: मंत्रोच्चार, मंगल स्तोत्र, और विशेष मंगल यंत्र की स्थापना।
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भात अर्पण एवं मंगल हवन: लाल वस्त्र, लाल फूल, भात (चावल), चना दाल, फल, नारियल, मिठाई, विशेष ध्वजा, आदि समर्पित किए जाते हैं। फिर हवनकुण्ड में आहुति दी जाती है।
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आशीर्वाद एवं दान: अंत में ब्राह्मणों को भोजन/दान, जरुरतमंद को दान और मंदिर दर्शन।
मंगल भात पूजा के लाभ
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मांगलिक दोष, विवाह एवं संतान बाधा दूर होती है
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वैवाहिक जीवन और पारिवारिक सुख बढ़ता है
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करियर और आर्थिक समस्याओं में शांति आती है
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मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं
उज्जैन में पूजा के लिए क्या-क्या चाहिए?
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लाल कपड़ा, फूल, चावल (भात), चना दाल, पान-सुपारी
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नारियल, फल, कपूर, मिठाई, घी, ध्वजा, हवन सामग्री
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भगवान मंगलनाथ की प्रतिमा की पूजा, विशेष मंत्रोच्चार
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