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कालसर्प दोष निवारण पूजा
कालसर्प दोष निवारण पूजा
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काल सर्प दोष पूजा
काल सर्प योग क्या है?
काल सर्प योग, जिसे कालसर्प दोष भी कहा जाता है, एक विशेष ज्योतिषीय स्थिति है जब कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाएं। इसमें ग्रहों की विशिष्ट स्थिति और उनकी शक्ति के अनुसार दोष के प्रभाव कम या ज्यादा हो सकते हैं। हर व्यक्ति के लिए इसका असर अलग-अलग हो सकता है, इसलिए अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराना जरूरी है। कुछ स्थितियां जैसे- राहु और केतु की खास भावों में उपस्थिति, उनके साथ अन्य ग्रहों की मिलीजुली स्थिति, दोष को और अधिक तीव्र बना सकती हैं।
काल सर्प दोष — संपूर्ण परिचय
काल सर्प दोष तब बनता है जब किसी की जन्मपत्रिका में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाएं। इसे अशुभ माना गया है, क्योंकि यह जीवन में कई परेशानियां, बाधाएं व मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है।
उज्जैन, महाकालेश्वर की नगरी, काल सर्प दोष निवारण पूजा के लिए सबसे पावन स्थान मानी जाती है, जहाँ भव्य पूजा करके जीवन की नकारात्मकताओं को दूर किया जा सकता है।
काल सर्प दोष के 12 प्रकार
राहु और केतु की स्थिति पर आधारित काल सर्प दोष के प्रमुख 12 प्रकार होते हैं:
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अनंत काल सर्प दोष
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कुलिक काल सर्प दोष
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वासुकी काल सर्प दोष
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शंखपाल काल सर्प दोष
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पद्म काल सर्प दोष
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महापद्म काल सर्प दोष
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तक्षक काल सर्प दोष
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कर्कोटक काल सर्प दोष
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शंखचूड़ काल सर्प दोष
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घातक काल सर्प दोष
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विषधर काल सर्प दोष
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शेषनाग काल सर्प दोष
यदि आपकी कुंडली में इनमें से कोई दोष है, तो निशुल्क परामर्श अवश्य लें।
काल सर्प दोष के लक्षण
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जीवन में लगातार असफलताएं आना
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करियर में बार-बार अवरोध
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आर्थिक संकट और धन की कमी
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वैवाहिक जीवन में समस्याएं
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बार-बार स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां
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मानसिक तनाव, डर या आशंकाएं
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पारिवारिक संबंधों में अस्थिरता
यदि आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा का महत्व
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महाकाल की नगरी का प्रभाव: उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तथा अन्य शक्तिपीठों की उपस्थिति पूजन को अधिक प्रभावशाली बनाती है।
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विशेषज्ञ पंडित उपलब्ध: यहाँ के अनुभवी पंडित आपकी कुंडली का विश्लेषण कर, शास्त्रीय विधि से संपूर्ण पूजा कराते हैं।
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पवित्र क्षिप्रा नदी: क्षिप्रा नदी में स्नान और तट पर पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
काल सर्प दोष पूजा की संपूर्ण विधि
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स्नान और शुद्धिकरण: पूजा से पूर्व क्षिप्रा नदी में स्नान कर तन-मन को शुद्ध किया जाता है।
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गणपति पूजन: भगवान गणेश की आराधना कर पूजा का शुभारंभ किया जाता है।
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राहु-केतु पूजा: विशेष वेद मंत्रों द्वारा राहु व केतु की शांति के लिए पूजन किया जाता है।
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नाग देवता की पूजा: नाग देवता का आह्वान कर, उनका पूजन एवं अभिषेक किया जाता है।
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हवन एवं दान: अंतिम चरण में हवन किया जाता है और जरूरतमंदों को दान देकर पूजा सम्पन्न की जाती है।
काल सर्प दोष पूजा के लाभ
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जीवन में संतुलन एवं शांति आती है
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आर्थिक व करियर से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं
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स्वास्थ्य में सुधार आता है, मानसिक चिंता कम होती है
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परिवार में सुख-समृद्धि, रिश्तों में मजबूती आती है
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
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नाग-नागिन की मूर्ति
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नारियल, धूपबत्ती, दीपक, फूल
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चंदन, कुंकुम
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पवित्र जल, हवन सामग्री
उज्जैन में पूजा कराने के विशेष कारण
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महाकाल मंदिर, नागचंद्रेश्वर मंदिर व क्षिप्रा नदी के किनारे विशेष पवित्र एवं शास्त्रीय विधि से पूजा होती है
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मंत्रोच्चार, तंत्र एवं यज्ञ विधि से दोष का प्रभाव शीघ्र कम होता है
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उज्जैन का आध्यात्मिक वातावरण व प्रतीकात्मक ऊर्जा पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देती है
अगर आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है या आप इन लक्षणों से परेशान हैं, तो उज्जैन में काल सर्प दोष निवारण पूजा अवश्य कराएं और जीवन को नई सकारात्मक दिशा दें।
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